원 죄
조동안
하나로 족함이 없어
끝없이 뻗어가는 욕심들
창조자의 능력마저
욕심부린 어리석음은
수천년 지난 지금도 그대로
불쌍한 삶의 부스러기에
미련은 여전하여
알면서 모른척
능구렁이인가, 그에 벗인가
조동안 - 애틀랜타 문학회 회장 |
번호 | 제목 | 날짜 | 조회 수 |
---|---|---|---|
68 | 산 | 2015.04.13 | 67 |
원죄 | 2021.01.18 | 66 | |
66 | 가족여행 1 | 2017.09.03 | 66 |
65 | 여기까지가1 | 2017.09.01 | 66 |
64 | 동행2 | 2016.08.27 | 66 |
63 | optimist | 2016.08.27 | 66 |
62 | 시 | 2021.07.13 | 65 |
61 | 양절(攘竊) 때문에1 | 2021.01.20 | 65 |
60 | 청첩 | 2019.04.26 | 65 |
59 | 만두1 | 2019.01.18 | 65 |
58 | 아리조나 윌리암스1 | 2018.09.03 | 65 |
57 | 수원수구 (誰怨誰咎) | 2018.08.14 | 65 |
56 | 아가야 | 2018.04.14 | 65 |
55 | 깡통 | 2017.11.15 | 65 |
54 | 가족여행3 | 2017.09.03 | 65 |
53 | 그리움 | 2016.08.27 | 65 |
52 | 저 녁1 | 2021.11.23 | 64 |
51 | 복제 | 2021.07.13 | 64 |
50 | 가족여행5 | 2017.09.03 | 64 |
49 | 7월, 여름 | 2017.07.20 | 64 |
댓글 달기